विषय 2.0 | आज़ादी का अमृत महोत्सव, भारत सरकार।

विषय 2.0

जैसा कि हम 15 अगस्त 2023 की ओर बढ़ रहे हैं, ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ का उद्देश्य सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके इस जन आंदोलन को और प्रोत्साहन देना है।

इसे देखते हुए, माननीय प्रधान मंत्री द्वारा घोषित 'पंच प्राण' के साथ नए विषयों की पहचान की गई है: महिलाएं एवं बच्चे, आदिवासी सशक्तिकरण, जल, सांस्कृतिक गौरव, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (जीवन ), स्वास्थ्य और कल्याण, समावेशी विकास , आत्मानिर्भर भारत और एकता।

महिलाएं एवं बच्चे

महिलाएं एवं बच्चे

बाल विकास में निवेश किसी भी राष्ट्र के बेहतर भविष्य के निर्माण की कुंजी है। बच्चों के मूल्य, शिक्षा और स्वास्थ्य देशों के सामाजिक और आर्थिक संकेतकों को सीधे प्रभावित करते हैं और इसके वैश्विक स्तर को भी आकार देते हैं। इसलिए, यह अवश्यंभावी है कि बच्चों की नागरिक, सामाजिक और नैतिक शिक्षा; स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं और नवीनतम विकास के सर्वत्र क्षेत्रों (वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक, कला, शैक्षिक आदि) तक पहुंच हो। हालांकि भारत में शिशुपालन में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, अपितु स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता, शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के बच्चों के लिए काम किया जाना बाकी है।

अधिक जानें
आदिवासी सशक्तिकरण

आदिवासी सशक्तिकरण

अखिल भारतीय जनजातीय समुदायों ने हमारे देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में विभिन्न पहलों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को विशिष्ट रूप से दर्शाया गया है।

2011 की आम जनगणना के अनुसार, भारत में जनजातीय आबादी 104 मिलियन थी, जो देश की आबादी का 8.6% थी। भारत की विकासशील कथा में आदिवासी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका जग-जाहिर है, फिर चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम की बात हो या खेल अथवा व्यवसाय के क्षेत्र में किया गया उनका योगदान हो।

अधिक जानें
पानी

पानी

जल एक जीवनदायी प्राकृतिक संसाधन है। हालांकि, जल संसाधनों की उपलब्धता सीमित है और यह असमान रूप से वितरित है, जिससे कई लोग इसकी कमी के प्रति संवेदनशील हैं।

माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जल के संरक्षण और पुनरुद्धार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर खेत को पानी, नदी उत्सव, अमृत सरोवर जैसे कई अनूठे अभियान चलाए हैं।

अधिक जानें
पर्यावरण के लिए जीवन शैली (जीवन)

पर्यावरण के लिए जीवन शैली (जीवन)

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC COP26) के अवसर पर, माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लोगों को व्यक्तिगत रूप से शामिल करने के लिए "LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली)" के अभियान की शुरुआत की।

यह पहल एक ऐसी जीवन शैली को प्रोत्साहित करती है जो संसाधनों के सावधानीपूर्वक एवं सोद्देश्यपूर्ण उपयोग पर ध्यान केंद्रित करती है और इसका ध्येय प्रचलित 'उपयोग और निपटान' उपभोग की आदतों को बदलना है। इसके पीछे का आशय लोगों को अपने दैनिक जीवन में उन साधारण परिवर्तनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है जो जलवायु परिवर्तन में योगदान कर सकते हैं।

अधिक जानें
स्वास्थ्य और कल्याण

स्वास्थ्य और कल्याण

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अस्पताल, चिकित्सा उपकरण, नैदानिक ​​परीक्षण, आउटसोर्सिंग, टेलीमेडिसिन, चिकित्सा पर्यटन, स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। स्वास्थ्य को प्रायः बीमारी के लिए निवारक देखभाल और उपचारात्मक कार्यों के परिप्रेक्ष्य में देखा जाता है।

स्वास्थ्य के प्रति ऐतिहासिक पारंपरिक दृष्टिकोण का आधार आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा में निहित चिकित्सा की प्राचीन प्रणालियों के हमारे गहन ज्ञान पर आधारित है । यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी भी भारत में स्वास्थ्य और कल्याण सेवाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं।

अधिक जानें
समावेशी विकास

समावेशी विकास

समावेशी विकास सामाजिक और वित्तीय स्थिति पर ध्यान दिए बिना सभी के लिए उचित अवसरों को बढ़ावा देता है, जिससे समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ होता है।

पानी, स्वच्छता, आवास, बिजली आदि जैसी आवश्यक सेवाओं तक बेहतर पहुंच के साथ-साथ वंचित आबादी के लिए लक्षित प्रयास एक और अधिक समावेशी भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण मार्ग प्रशस्त करेंगे।

अधिक जानें
आत्मनिर्भर भारत

आत्मनिर्भर भारत

आत्मनिर्भर भारत अभियान या आत्मनिर्भर भारत अभियान माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित नए भारत का दृष्टिकोण है। 12 मई 2020 को, पीएम ने राष्ट्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान (आत्मनिर्भर भारत अभियान) की शुरुआत करते हुए एक स्पष्ट आह्वान किया और भारत में COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की।

इसका उद्देश्य देश और उसके नागरिकों को हर मायने में स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने आगे आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों - अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे, प्रणाली, जीवंत जनसांख्यिकी और मांग को रेखांकित किया।

अधिक जानें
सांस्कृतिक गौरव

सांस्कृतिक गौरव

भारत कई संस्कृतियों का देश है, यह दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है, जो 4,000 साल से भी अधिक पुरानी है। इस कालावधि के दौरान कई रीति-रिवाज और परंपराएं साथ-साथ उभरकर आईं, जो इस देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाती हैं।

एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत होने से लेकर कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों के प्रवर्तक होने तक,यह देश किसी सीमा से बाधित नहीं है। यह कहना उचित होगा कि इस देश के लोगों को अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व है और वे लगातार अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

अधिक जानें
एकता

एकता

भारत विविधताओं का देश है। उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक, यह राष्ट्र विविध संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, भाषाओं, भोजन, पहनावे, त्योहारों आदि की कई शृंखला समूहों को अपने में समेटे हुए है। एक एकीकृत शक्ति के रूप में आगे बढ़ने का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न आत्मनिर्भर भारत की नींव रहा है। यही कारण है कि 76वें स्वतंत्रता दिवस 2022 पर प्रधान मंत्री द्वारा उल्लिखित पंच प्राणों में से एक ‘एकता’ है। इन सार्वजनिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, हम स्वतंत्रता के प्रतिष्ठित 100 वर्षों की दिशा में, अधिक एकीकृत संघ के रूप में एक साथ आगे बढ़ेंगे!

अधिक जानें

Top