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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

बनारसी प्रसाद सिंह

Munger (Monghyr), Bihar

March 17, 2023 to March 17, 2024

बनारसी प्रसाद सिंह का जन्म खड़गपुर प्रखण्ड के मथुरा गाँव में 7 नवम्बर, 1894 ई. को हुआ था। उनकी माता का नाम मैना देवी था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव में ही प्रारम्भ हुई। 1920 ई. में गाँधी का असहयोग आन्दोलन पूरे भारत में जोर-शोर से चलाया जा रहा था। मुंगेर में बनारसी प्रसाद सिंह असहयोग आन्दोलन के प्रणेता थे। 1921 में उन्हें आन्दोलनकारी गतिविधियों में संलिप्त रहने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया। बनारसी प्रसाद सिंह के नमक सत्याग्रह (1930) के लिए एक योजना बनाई। सावरमती से दाण्डी तक गाँधी को पहुँचने में लगने वाले समय को उन्होंने मुंगेर में ‘राष्ट्रीय सप्ताह’ मनाने का संकल्प लिया। 1931 में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने जिला कांग्रेस कमिटी के प्रयास से किसान कमिटी की स्थापना करवाई। वे स्वयं किसान कमिटी के सक्रिय सदस्य बने। 1939 ई. में उन्हें जेल जाना पड़ा पर वे जल्द ही छूट गये। 1940 में गाँधी द्वारा चलाए जा रहे व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लिए और गिरफ्तार हो गये। इसी वर्ष उनकी लोकल बोर्ड के उपाध्यक्ष पद की अवधि भी पूरी हो गयी। अगस्त क्रांति 1942 ई. में मुंगेर में लागू निषेधाज्ञा को उन्होंने जुलूस का नेतृत्व करते हुए तोड़ा। उन्हें गिरफ्तार करके भागलपुर जेल में बन्द किया गया। साथ ही 50 रुपया जुर्माना एवं सजा की अवधि छः माह सुनाया गयी। 1942 ई. में जेल आने के बाद श्रीकृष्ण सिंह ने उन्हें ‘राष्ट्रवाणी’ पत्रिका का प्रबंध निदेशक बनाया। 15 मई, 1964 ई. को उनका निधन मुंगेर अस्पताल में हो गया।

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