आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में स्थानीय डी.ए.वी. शताब्दी पब्लिक स्कूल के प्रांगण से 11 हरियाणा बटालियन एनसीसी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल रणधीर सिंह, कर्नल एन के झा के आदेशानुसार एनसीसी कैडेट्स ने मिशन लाइफ के तहत प्लास्टिक भगाओ देश बचाओ अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स का निबन्ध लेखन व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्लास्टिक भगाओ देश बचाओ अभियान का संदेश जन-जन तक पहुँचाने के लिए एन.सी.सी. कैड्टस द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान द्वारा समाज को जागरूक किया जाता है। इस प्रतियोगिता में कैडेट मान्या, हिमानी, दृष्टि, सृष्टि, कीर्ति मान, साक्षी, हर्षिता, कनक, नंदिनी रानी, दिव्या, चंचल, टीना, हर्ष सिंह, प्रिन्स दुहन, हेमन्त, नित्या गौड़, नमन, आर्यन मान, अमन, यश रोहिल्ला, लक्ष्य, हर्षित, हर्ष शर्मा आदि ने बहुत सुन्दर निबन्ध व पोस्टर बनाए। जिसका अवलोकन करते हुए स्कूल प्राचार्या जगदीप कौर ने बताया कि मिशन लाइफ का अर्थ ऐसे अभियान से है जिससे पर्यावरण संरक्षण हो। इसमें हर एक इंसान को अपनी जिम्मेदारी समझने की और छोटे से लेकर बड़े-बड़े काम को पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ाने की अपील की गई है। प्लास्टिक बैग का ही उदाहण लें। हमें प्लास्टिक की थैली धड़ल्ले से इस्तेमाल करने की आदत लग गई है जो कि हमारी प्रकृति में जहर के समान है। मिशन लाइफ बताता है कि अगर प्लास्टिक छोड़ हम कपड़े के थैले का इस्तेमाल करें तो बड़े स्तर पर पर्यावरण को बचा सकते हैं। अगला उदाहण ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियों को स्टार्ट रखने का है। ट्रैफिक जिस वक्त रुका हो, उस समय गाड़ी को स्टार्ट रखने की जरूरत नहीं, इससे तेल की बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण भी हो सकता है। मंहगे तेल और कार्बन उत्सर्जन के चलते अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगता है जबकि ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ी बंद रखें तो उससे अरबों रुपये की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण में जहरीला धुआं जाने से बचेगा। प्लास्टिक का उपयोग हमें धीरे-धीरे बंद करना होगा तभी हम अपने पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाने में सक्षम हो पाएंगे। एनसीसी अधिकारी राजेश कुमार ने कैडेट्स को संकल्प दिलवाया कि अब हमारा कर्तव्य है देश को स्वच्छ और साफ रख कर भारत माता की सेवा करना । मैं यह संकल्प लेता हूं कि मैं स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्ध रहूंगा और इसके लिए समय समर्पित करें। मैं प्रति वर्ष 100 घंटे यानि दो घंटे समर्पित करूंगा । प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए स्वैच्छिक कार्य के लिए प्रति सप्ताह। प्लास्टिक पर प्रतिबंध की मुहिम की शुरुआत मैं खुद से, अपने परिवार से करूंगा, मेरा मोहल्ला, मेरा गांव और मेरा कार्यस्थल। मेरा मानना है कि दुनिया के जो देश दिखाई देते हैं स्वच्छ इसलिए हैं क्योंकि उनके नागरिक प्लास्टिक में लिप्त नहीं हैं न ही वे ऐसा होने देते हैं। इस दृढ़ विश्वास के साथ, मैं संदेश का प्रचार करूंगा । स्वच्छ भारत मिशन के गांवों और कस्बों में मैं 100 अन्य व्यक्तियों को यह प्रतिज्ञा लेने के लिए प्रोत्साहित करूंगा जो मैं आज ले रहा हूँ मुझे विश्वास है कि स्वच्छता की दिशा में मैं जो भी कदम उठाता हूं मेरे देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा। इस अवसर पर स्कूल के सभी अध्यापक वृन्द ने एनसीसी कैडेट्स द्वारा चलाई गई की इस मुहिम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और समाज में प्लास्टिक के अत्याधिक प्रयोग को रोकने में अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया।
