आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस संबंध में एमवीएन विश्वविद्याालय औरंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम में भूतपूर्व के.वी.के. समन्वयक मंडकोला डा.डी.वी. पाठक, डा. मयंक चतुर्वेदी, डा. राम सनेही सिंह, खंड कृषि अधिकारी हसनपुर देवेन्द्र कुमार, खंड कृषि अधिकारी पलवल डा. आनन्द प्रकाश तथा सभी खंड तकनीकी प्रबंधकों ने कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के छात्रों को संबोधित करते हुए मोटे अनाज की विशेषताओ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी आहार श्रृंखला में रसायनों की इतनी भरमार हो गई है कि मानव स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है, जिसके कारण आर्थिक सबलता का लक्ष्य कमजोर होता जा रहा है। गेंहू तथा धान जैसी फसलें उगाने से किसानों को आर्थिक लाभ तो हो रहा है किंतु वह हस्पतालों में जाकर अपने उत्पादन का एक हिस्सा खर्च कर देते हैं। डा. पवन शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस विषय में आप ज्ञान अर्जित कर रहे वह सीधा हमारे स्वास्थ्य तथा रसोई से जुडा हुआ है। यदि आप जागरूक होकर अपने परिवार तथा समाज में मोटे अन्न के उत्पादन के लिए किसानों को जागरूक करेंगे तो अवश्य ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे। इस कार्यक्रम में छात्र व छात्राओ को मोटा अनाज उत्पादन के लिए शपथ दिलाई और अन्त में रैली का भी आयोजन किया गया, जिसमें कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के छात्र व छात्राओं और प्राध्यापको ने भी भाग लिया। एम.वी.एन. विश्वविद्यालय औरंगाबाद के डीन डा. मयंक चतुर्वेदी, के.वी.के. समन्वयक मंडकोला डा.डी.वी. पाठक, प्राध्यापक डा. राम सनेही सिंह ने कृषि विभाग का आभार व्यक्त करते हुए छात्रो से कहा कि इस संस्कृति को अपना कर हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं। सभी छात्र व छात्राएं, जिनके परिवार में कृषि कार्य किया जाता है, वे अपने परिवार के लोगो को जागरूक करें, जिससे कि अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
