आज़ादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में कथक व लोक नृत्य के संगम पंचतत्व उत्सव का आयोजन हुआ। कला-संस्कृति विभाग और जेकेके की ओर से आयोजित मरुधरा कार्यक्रम में वरिष्ठ नृत्य गुरु अनिता ओरडिया के निर्देशन में किंकिंणी ग्रुप की नृत्यांगनाओं ने प्रस्तुति दी। राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्षा बिनाका जेश मालू ने उत्सव का उद्घाटन किया। उत्सव की शुरुआत तीन ताल में शुद्ध कथक के साथ नृत्यांगनाओं ने धरती वंदन से की। इसके बाद अमीर खुसरो की रचना ‘सकल बन’ पर कथक कर प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन किया गया। इनमें दर्शिता बायदवाल, वृष्टि शर्मा, आकृति गुप्ता व अन्य कलाकार शामिल रहे। इसके बाद धरमी बाई, सीमा व निरमा ने लोक नृत्य की छटा बिखेरी। उन्होंने घूमर, तेरहताली, भवई व चरी नृत्य पेश किया। अनवर खान ने खड़ताल और किशन भाट ने ढोकल पर संगत की। साथ ही उदयपुर के ईश्वर माथुर ने संगीत संयोजक की भूमिका निभाई।