Unsung Heroes | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

हरिदेव जोशी

Dungarpur, Rajasthan

November 08, 2022 to November 08, 2023

हरिदेव जोशी का जन्म 17 दिसम्बर, 1921 को बांसवाड़ा के एक विद्वान ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनका प्रारम्भिक जीवन डूंगरपुर में भोगीलाल पांडया के सान्निध्य में सेवा संघ में बीता। डूंगरपुर में राजनीति का उदय सेवा संघ द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से हुआ। गौरी शंकर उपाध्याय की प्रेरणा से ब्राह्मण परिवार के हरिदेव जोशी आदिवासी, हरिजन और पिछड़ी जातियों में शिक्षा का प्रचार करने को निकल पड़े। अधनंगे आदिवासियों को उनकी दशा का भान कराने के लिए पहाड़ियों की टेकरियों पर इन्होंने पाठशालाएं स्थापित की और शोषित आदिवासियों को शोषणमुक्त समाज की नव रचना का पाठ पढ़ाने लगे। हरिदेव जोशी बांसवाड़ा और डूंगरपुर से अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद में वर्षों तक प्रतिनिधि रहे। ये देशी राज्य प्रजा परिषद की रीजनल कौंसिल के भी सदस्य रहे। डूंगरपुर में 1942 से 47 तक जितने भी राजनैतिक आन्दोलन हुए उन सब में जोशी का प्रमुख हाथ था। परन्तु सर्व भोगीलाल पंडया और श्री गौरी शंकर उपाध्याय का सदा यही प्रयत्न रहता कि हरिदेव जोशी आन्दोलनों को गतिशील रखने के लिए जेल से बाहर रखे जाएं। इतनी सतर्कता बरतने पर भी एक बार हरिदेव जोशी को डूंगरपुर से देश निकाला तो दे ही दिया गया था और उनकी धर्मपत्नी सुभद्रा देवी जोशी को अन्य महिलाओं के साथ जेल जाना पड़ा था।

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