Unsung Heroes | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

डॉ0 भगवान दास माहौर

Jhansi, Uttar Pradesh

September 12, 2022 to September 12, 2023

भगवान दास माहौर का जन्म 27 फरवरी सन् 1910 को झांसी जिले में एक साधारण वैष्य परिवार में हुआ था। माहौर जी को बचपन से ही देश के प्रति अनुराग था। जब वे नवीं कक्षा के विद्यार्थी थे तभी क्रांतिकारी शचींद्रनाथ बख्शी ने उन्हें क्रांतिकारी पार्टी में सम्मिलित कर लिया और फिर उनका परिचय चन्द्रशेखर आजाद तथा सदाशिव मल्कापुरकर से हो गया। 1928ई0 में माहौर जी आजाद के निर्देश पर ही ग्वालियर में क्रांतिकारियों के संगठन के लिए गए। वहाँ उन्होंने विक्टोरिया कालेज में प्रवेश लिया। यहीं पर चन्द्रशेखर आजाद, विजय कुमार सिन्हा आदि क्रांतिकारी समय-समय पर उनसे मिलने आते थे। साण्डर्स की हत्या के कार्य में सहयोग हेतु माहौर को भी लाहौर बुला लिया गया। साण्डर्स की हत्या के बाद लोंगों ने लाहौर छोड़ दिया। भगत सिंह, सुखदेव, विजय कुमार सिन्हा और बटुकेष्वर दत्त ग्वालियर आ गये माहौर जी ने यहाँ इनके छिपने की व्यवस्था की। चन्द्रशेखर आजाद के कहने पर बम तथा गोला-बारूद आदि लेकर माहौर जी सदाशिव राव के साथ पूना जा रहे थे भुसावल स्टेशन पर पकडे़ गये और जलगाँव अदालत में इन दोनों पर मुकदमा चला। माहौर जी को लाहौर केस में फसाने हेतु लाहौर केस के अप्रूवर जयगोपाल और फणीन्द्र घोश गवाही देने जलगाँव आने वाले थे। माहौर जी ने उन पर गोली चलायी लेकिन वे बच गये, माहौर जी को काले पानी की सजा हुई और सन् 1938 ई0 रिहा कर दिए गए। 1942 के आन्दोलन में गिरफ्तार हुए और बाद में रिहा हुए। आजादी के बाद बुन्देलखण्ड कालेज झाँसी में हिंन्दी के प्राध्यापक नियुक्त हुए।

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