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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

मगनलाल गोयल

Tikamgarh, Madhya Pradesh

August 07, 2023 to August 07, 2024

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व विधायक दादा श्री मगनलाल गोयल का जन्म दिनंाक 5 सितम्बर सन् 1927 ई. में टीकमगढ़ में हुआ था। आपके पिता का नाम स्व. श्री चुन्नीलाल सर्राफ एवं माता जी का नाम स्व. श्रीमती सगुन बाई था।

  आपने देवेन्द्र संस्क्ृत विद्यालय टीकमगढ़ से प्राप्त व्याकरण, मध्यमा, सम्पूर्ण सिंद्धातं शास्त्री की शैक्षािणक योग्यता के साथ-साथ धर्मशास्त्र, संस्कृति एवं साहित्य मंे गहन रुचि लेते हुए बहुत अध्ययन किया है। किशोरावस्था से सार्वजनिक जीवन मंे सक्रिय श्री मगनलाल गोयल जी सन् 1944 से 1947 ई. तक ओरछा राज्य विद्यार्थी कांग्रेस के उपमंत्री रहे। सन् 1945-47 में स्वतंत्रता हेतु विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय आप ओरछा राज्य के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। सन् 1945-48 ई. मंे क्रांतिकारी एव ं विद्यार्थी आंदोलन में आपकी सक्रिय भागीदारी रही। अप्रैल सन् 1947 ई. में उक्त आंदोलन के कारण गिरफ्तारी वारंट जारी होने से लंबे समय तक भूिमगत रहते हुए गतिविधियाँ संचालित की। संघर्ष की आग मंे तपे श्री गोयल गरीबांे की आवाज उठाने वाले स्वाभाविक जन नेता थे। एक जनप्रतिनिधि के रूप मंे आपने लगातार 16 वर्षाे तक नगरपालिका परिषद् टीकमगढ़ मंे सदस्य, उपाध्यक्ष, समितियों के अध्यक्ष एवं नगरपालिका अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व किया। टीकमगढ़ में आप सन् 1977 ई, सन् 1989 व सन् 1998 ई. में भारतीय जनता पार्टी  से विधायक के रुप में चुने गये। आपने विधायक रहते हुए जिले में विकास के जो कार्य किये वे अविस्मरणीय हैं। उनके उल्लेखनीय कार्यो को देखते हुए उन्हें मध्यप्रदेश विधान सभा 1998-2003 में उत्कृष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया था।  श्री गोयल जी म.प्र. विधानसभा की लोक लेखा समिति, पुस्तकालय समिति, पंचायत राज विधेयक प्रवर समिति के सदस्य रहे। म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ, म.प्र. लोक निर्माण सलाहकार समिति के सदस्य रहे एवं म.प्र. राज्य परिवहन निगम के संचालक मण्डल के सदस्य भी रहे। अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय की कोर्ट समिति के सदस्य भी रहंे। सन् 1977 से सन् 1980 ई. तक म.प्र. जनता विधायक दल के कोषाध्यक्ष एवं सन् 1989 ई. से सन् 1992 ई. तक म.प्र. भाजपा विधायक दल के कोषाध्यक्ष रहे। विधान सभा में संयत संभाषण द्वारा अशासकीय विधेयकों, अशासकीय संकल्प, याचिकाओं एवं प्रश्नों के माध्यम से अपने क्षेत्र का सक्षम प्रतिनिधित्व किया।

दादा मगनलाल गोयल जी का निधन दिनाकं 22 फरवरी सन्- 2012 ई. को हो गया तथा उनका अंतिम संस्कार दिनांक 23 फरवरी सन् 2012 ई. को टीकमगढ़ में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया  गया।

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