Unsung Heroes | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

घनाराम तिवारी

Durg, Chhattisgarh

March 15, 2023 to March 15, 2024

घनाराम तिवारी का जन्म दुर्ग जिले के पाटन जमींदारी के ग्राम संातरा में दिनांक 26 जनवरी, 1920 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री धनीराम तिवारी एवं माता का नाम श्रीमती जामवंती बाई था। नवंबर 1933 में महात्मा गांधी के दुर्ग आगमन के समय पाटन के ग्रामों से बहुत से लोगों के साथ घनाराम जी भी गांधी जी से मिलने दुर्ग आए थे। उसके पश्चात् ही वे उनमें राष्ट्रीय भावना का संचार हुआ और उन्होंने स्वदेशी अपना लिया था।

अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के प्रारंभ होते ही पाटन क्षेत्र के जनजागरण अभियान में वे अपनी भूमिका निभाने लगे। उत्तर प्रदेश से आए हुए आचार्य रामदेव के नेतृत्व में वे कार्य कर रहे थे।  ग्राम सेलूद में अंग्रेजों के रुकने के लिए सरकारी गेस्ट हाउस बना हुआ था वहां अंग्रेज एवं अन्य अधिकारी रुकते थे। अतः उनकी सुरक्षा के लिए पाटन क्षेत्र में पुलिस का काफी दबाव था। पाटन में ब्रिटिश शासन विरोधी आमसभा हुई थी । अतः पुलिस ने कई लोगों को वहां से गिरफ्तार किया था, इससे पूरे पाटन में पुलिस आक्रोश की लहर व्याप्त हो गयी थी।

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