दामोदर दास ददरिया का जन्म छुईखदान रियासत में 22 जुलाई, 1915 को हुआ था। उनके पिता का नाम श्री शिवचरण दादरिया था। उन्होंने मैट्रिक तक की शिक्षा प्राप्त की थी। जनवरी सन् 1939 में श्री रामनारायण मिश्र हर्षुल ने खैरा नर्मदा जंगल सत्याग्रह प्रारंभ किया था। इस आंदोलन में दामोदर लाल जी ने सक्रिय रूप से भाग लेकर अपनी गिरफ्तारी दी थी। 15 दिनों में 300 सत्याग्रही गिरफ्तार किए गए थे। इसके पश्चात् लगान बंदी आंदोलन में भी भाग लिया था।
उन्होंने अगस्त 1942 से प्रारंभ होने वाले भारत छोड़ो आंदोलन के साथ रियासत की मांगों को जोड़कर निरंकुश रियासत शासन एवं ब्रिटिश शासन के विरुद्ध आंदोलन प्रारंभ कर दिया था। मांगों को लेकर दामोदर लाल जी ने अपने साथी अमृतलाल महोबिया गोवर्धनदास वर्मा आदि के साथ व्यापक आंदोलन कर दिया था। अगस्त क्रांति के रूप में एक विशाल जुलूस छुईखदान रियासत से निकाला गया था, इसका दमन करने के लिए अंग्रेजों के नेतृत्व में 200 सैनिकों का दस्ता छुईखदान आया था। इस जुलूस में ब्रिटिश शासन एवं रियासती शासन के विरुद्ध नारे लगाने के जुर्म में ददरिया जी गिरफ्तार कर लिए गए थे। उन्हें कुल 1 वर्ष 1 माह के कारावास की सजा हुई थी।