Unsung Heroes | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

मिलऊदास सतनामी

Raipur, Chhattisgarh

March 15, 2023 to March 15, 2024

मिलऊदास सतनामी का जन्म राजिम के कौंदकेरा ग्राम में 13 सितंबर, 1901 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री धनीराम था। मिलऊदास को श्रीमद्भागवत कथा, सत्यनारायण कथा, रामायण आदि का ज्ञान था।

       सन् 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन के अंतर्गत जंगल सत्याग्रह का कार्यक्रम उनके क्षेत्र में आयोजित होने पर सबसे आगे आकर ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया तथा स्वयं जंगल में प्रवेश किया उनके साथ उनके साथी प्राणदास, पिलऊदास सतनामी,  गोपी राम आदि भी थे। सभी ने जंगल से घास काट कर ब्रिटिश शासन के जंगल कानून का उल्लंघन किया। पुलिस ने सत्याग्िरहयों पर बेतों से प्रहार किया फिर गिरफ्तार कर रायपुर लेकर आए यहां पर मिलऊदास को 3 माह की सजा एवं 30 रूपये की जुर्माने की सजा मिली। उन्हें 24 सितंबर, 1930 को रायपुर केंद्रीय जेल में भेजा गया। वे 23 दिसंबर, 1930 को जेल से रिहा किए गए। इसके पश्चात् मिलऊदास जी ने भारत छोड़ो आंदोलन तक राजिम क्षेत्र में राष्ट्रभक्ति का प्रसार किया। उनकी प्रेरणा से राजिम से लगे ग्रामों में सन् 1932 का राष्ट्रीय सप्ताह सफलतापूर्वक संचालित किया गया। उनका देहावसान 31 जनवरी, 2001 में हुआ।

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