भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Raipur, Chhattisgarh
January 31, 2023 to January 31, 2024
जीवनलाल बोथरा का जन्म 21 अक्टूबर, 1908 को नयापारा राजिम में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री अलसीदास था। पंडित सुंदरलाल के प्रभाव के कारण राजिम क्षेत्र के युवा वर्ग राष्ट्रीय आंदोलन में जुड़ गया था, उसमें वे भी सम्मिलित थे। सन् 1930 में छत्तीसगढ़ में जैसें ही जंगल सत्याग्रह आरंभ किया गया, राजिम के पास फूलझर गांव से लगे वनों को काटकर वन अधिनियम भंग करने का सत्याग्रह प्रारंभ किया गया था। सत्याग्िरहयों के इस जत्थे का नेतृत्व कौशलेंद्र दास के हाथों में था, वे जीवनलाल एवं उनके अन्य चार साथियों को लेकर जंगल में घास काटने लगे। इसी समय घुड़सवार सिपाहियों ने उन्हें पकड़ा और रायपुर लाए। उन्हें 5 माह के कारावास की सजा दी गई।
सन् 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में एक सत्याग्रही के रूप में लोगों में अंग्रेज विरोधी भावना को प्रोत्साहित किया । 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होने पर वे कुछ समय तक गुप्त रूप से क्रांतिकारी पर्चों का प्रचार करते रहे। अंततः उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 6 माह के कारावास की सजा हुई।