भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Raipur, Chhattisgarh
January 30, 2023 to January 30, 2024
राजेंद्र कुमार चैबे का जन्म रायपुर में 22 जुलाई, 1903 को हुआ था। उनके पिता का नाम श्री गणपत चैबे था। वे रायपुर के नयापारा मोहल्ले में रहते थे। यहां पर राष्ट्रीय चेतना का वातावरण था। उन पर प्रारंभ से उग्र राष्ट्रीय विचारधारा का प्रभाव था। चैबे जी के बड़े भाई श्री कृष्ण कुमार चैबे कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता थे। वे सन् 1922 -1923 में श्री मुजफ्फर अहमद के प्रभाव में आए तथा सन् 1925 में नजरुल इस्लाम की कविताओं का पाठ करने लगे थे। राजेंद्र प्रसाद जी छात्र जीवन से ही साहित्यिक प्रतिभा का प्रदर्शन करने लगे थे। अतः अपने साथियों के मध्य उग्र राष्ट्रभक्त के रूप में लोकप्रिय थे। सन्् 1929 में बंबई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के पश्चात् भी वे कहीं नौकरी में नहीं टिक पाए ।
अंततः सन् 1932 में गुप्त छापाखाना स्थापित कर क्रांतिकारी पर्चों का वितरण करने लगे थे। सन्् 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में युद्ध विरोधी नारे लगाने एवं ब्रिटिश शासन के विरुद्ध भाषण देने के कारण गिरफ्तार कर लिए गए थे। उन पर क्रांतिकारी पर्चों का प्रसार करने, बंदूक रखने आदि का आरोप लगा था। सन् 1939 में वे समाजवादी कांग्रेस विचारधारा के समर्थक हो गए। वे सन् 1942 के आंदोलन के समय, 9 अगस्त, 1942 को शाम 4 बजे से निकलने वाले जुलूस का नेतृत्व करते इंकलाब जिंदाबाद एवं अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगाकर जुलूस का उत्साहवर्धन कर रहे थे। तब कंकाली चैक पर रिजर्व फोर्स ने 12 नेताओं के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्हें कुल 1 वर्ष 8 माह 27 दिवस का कारावास हुआ था। उन्होंने सजा की अवधि रायपुर एवं जबलपुर जेल में पूर्ण की। वे सन् 1946 में मध्यप्रांत में स्थापित कांग्रेस समाजवादी पार्टी के रायपुर शाखा के कार्यकारी सदस्य थे तथा आगे चलकर उन्होंने छत्तीसगढ़ की समाजवादी पार्टी का मुख-पत्र ‘साथी’ का संपादन किया था।