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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

लखनलाल वर्मा

Durg, Chhattisgarh

January 30, 2023 to January 30, 2024

लखनलाल वर्मा का जन्म दुर्ग जिले के पाटन जमींदारी के देवादा ग्राम में सन् 1930 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री चुनगूराय वर्मा एवं माता का नाम श्रीमती बिंदिया बाई था। पिता श्री चुनगूराम जी स्वयं एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे एवं आगे चलकर छोटे भाई रामलाल वर्मा जी भी सेनानी बने थे। सन् 1921 में पाटन के जमींदार ने पाटन में महात्मा भगवानदीन एवं तपस्वी सुंदरलाल की सभा का आयोजन किया था। वहां के लोगों के साथ लखनलाल जी भी इस सभा में सम्मिलित थे। नेताओं ने अपने भाषण में मद्यनिषेध एवं बहिष्कार के साथ स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया।

पढ़ाई के पश्चात् वे पास के ग्राम के स्कूल में शिक्षक हो गए थे, किंतु देश प्रेम में कोई कमी नहीं आई थी। पाटन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के पूर्व क्रांतिकारी आचार्य रामदेव जी ने निवास बना लिया था। वे वहां के वैद्य श्री हलालू राम के निवास में रुके थे, अपने ज्ञान और विचारों के कारण लोगों में बहुत लोकप्रिय हो गए थे। लखनलाल जी उनके साथ काफी समय व्यतीत किया करते थे। सन् 1939 से ही सन् 1930 से ही लखनलाल जी ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध प्रचार कर रहे थे। भारत छोड़ो आंदोलन के समय वे आचार्य रामदेव के साथ पाटन के गांवों में पैदल यात्रा करते हुए ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध लोगों कोे जागृत करने लगे। इस समय भी काफी समय भूमिगत रहे किंतु 14 सितंबर, 1942 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तथा 16 सितंबर, 1942 से 26 मार्च, 1943 तक 6 माह रायपुर केंद्रीय जेल में रहे। उनका देहावसान सन् 1960 में हो गया था।

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