आज़ादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में राज्य सरकार द्वारा ऎतिहासिक अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन किया गया है, उसी तरह वंश लेखक लेखन में नवाचार अपनाएं। अकादमी द्वारा परम्परागत वंशालियों के संरक्षण और संधारण के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने न्हों कहा कि वंश लेखक शब्द के साथ स्वर, संगीत, साहित्य के सोरठा, दोहा, कवित्त, चौपाई, छप्पय आदि छंद की जानकारी रखने वाला होता है। यह खजाना विभिन्न वंश लेखकों के पास है। वंश लेखक पुराणों की कथा, लोक कथा, वंशावली लेखन,वंशावली वाचन और नई बहियों का निर्माण करता है। अकादमी के अध्यक्ष रामसिंह राव ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क ईलाज की तरह यह अकादमी वंश लेखकों के लिए चिरंजीवी साबित होगी। वंशावलियों में सिर्फ सत्य लिखा जाता है। वंश लेखक किसी भी प्रलोभन से परे पूरी निष्ठा के साथ लेखन कार्य करते है। उन्होंने न्हों कहा कि युवा पीढ़ी वंश लेखन परम्परा से भी जुड़ाव बनाए रखें। राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वंश लेखकों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जन अभाव अभियोग निराकरण आयोग के अध्यक्ष भी पुखराज पाराशर ने कहा कि वंश लेखक लेखन के दौरान राज्य सरकार की योजनाओं का भी घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार करें। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के.गोयल ने कहा कि
वंशावली अभूतपूर्व कला है। इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है, इसके लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है।