आज़ादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में रविन्द्र मंच के मिनी थियेटर में सोमवार की शाम अरिहंत नाट्य संस्था की ओर से रत्न कुमार सांभरिया द्वारा लिखित नाटक ‘उजास’ का मंचन किया गया। नाटक में बताया कि समाज में अस्मिता और समाज चिंतन से जुड़े मुद्दे जैसे- छुआछूत, जातिभेद, उत्पीड़न, मंदिर प्रवेश निषेध जैसी कुरीतियों को उजागर करता है। यहां समाज में चल रहे अंतरसंबंध पात्रों के संवादों से प्रकट होते हैं। ये नाटक समाज मे ऊंच-नीच की मानसिकता रखने वाले लोगों के द्वारा किए जाने वाले शोषण को दर्शाता है। ये नाटक समाज में अपने को जाति के आधार पर उच्च मानने वाले लोगों द्वारा आमजन पर किए जा रहे अत्याचारों पर कटाक्ष करता है। नाटक में जहां पं. रामानंद अपने स्वार्थ को पूर्ण करने के लिए कूटनीति में आमजन को अपनी बात में फंसा लेता है वहीं दूसरी ओर आमजन भी अपने चंद स्वार्थों के पूरा होने की चाह में लिप्त होकर रामानंद की बातों में आ जाते हैं। जबकि उनको उन्हीं के साथी कालिया द्वारा बार-बार समझाया जाता है। अपितु उनको इसका परिणाम भुगतना पड़ता है, जो कि अत्यंत दुखद है।