आज़ादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आर्यसमाज मानसरोवर के तीन दिवसीय 28वें स्थापना दिवस समारोह के समापन में अंतरराष्ट्रीय सरस वेद कथाकार एवं कवि आचार्य संजीव रूप, गुधनी, बदायूं (उ.प्र.) की उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम वैदिक संध्या और 5 कुंडीय यज्ञ से शुरू हुआ, जिसमें 21 जोड़ों ने सामूहिक रूप से वेद मंत्रों की आहुतियां दी। आचार्य उषर्बुध ने बताया कि वेद अपवित्रता जैसे दोष दूर कर देता है। वैदिक विद्वान डॉ. मुरारी लाल पारीक, साध्वी सुमित्रा बहन और समाज के संस्थापक प्रधान अर्जुन देव कालड़ा ने भी विचार प्रस्तुत किए।