आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत नाद स्वरम शास्त्रीय समारोह का आगाज
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर व जवाहर कला केंद्र जयपुर की सहभागिता में आयोजित दो दिवसीय नाद स्वरम शास्त्रीय संगीत समारोह का बुधवार को आगाज हुआ। पहले दिन युवा शास्त्रीय गायक सौरभ वशिष्ठ व ख्याति प्राप्त सरोद वादक बसन्त काबरा ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से समां बांधा। बनारस व ग्वालियर घराने से ताल्लुक रखने वाले सौरभ ने राग मालकोंस को प्रस्तुति का माध्यम बनाया। विलंबित एक ताल में ‘जिनके मन राम विराजे’ के बाद उन्होंने द्रुत तीन ताल में ‘मोर मोस मुस्कात जात’ बंदिश पेश की।
बसन्त काबरा ने जैसे ही सरोद पर राग छेड़ी तो सब मंत्र मुग्ध हो उठे। मारवाड़ संगीत रत्न अवाॅर्डी बसन्त काबरा ने अलाउदीन खां साहब की राग हेम बिहाग में आलाप व जोड़ पेश किए। इसके बाद राग बिहाग में विलंबित व द्रुत लय में गते पेश की। शैलेन्द्र मिश्रा ने तबले पर संगत की। गौरतलब है कि 8 दिसंबर को नाद स्वरम शास्त्रीय संगीत समारोह के तहत मो. जमान तबला वादन की प्रस्तुति देंगे, मुंबई की रोंकिनी गुप्ता शास्त्रीय संगीत से महफिल सजाएंगी
