चूरू। आज़ादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट चूरू में डीआरयू प्रभाग द्वारा किशोरावस्था में जेन्डर संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। साथ ही सीएमडी प्रभाग द्वारा न्यून उपलब्धि वाले एलओज हेतु विषय आधारित सामग्री निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य गोविन्द सिंह राठौड़ ने किशोरावस्था में आने वाले परिवर्तन, संवेग, चिन्तन पर चर्चा करने की आवश्यकता क्यों है इसके बारे में बताया। साथ ही अन्य विषयों के अध्ययन के साथ-साथ जेन्डर संवेदनशीलता पर भी खुलकर बात करने की आवश्यकता पर बल दिया। डीआरयू प्रभागाध्यक्ष प्रसन्ना मीणा ने वर्तमान में सहशिक्षा होने के कारण जेन्डर संवेदनशीलता पर अध्ययन की आवश्यकता के बारे में बताया। सीएमडी प्रमागाध्यक्ष निशा अजमेरा ने न्यून उपलब्धि वाले एलओज सीखने के प्रतिफल के बारे में बताते हुए प्रश्न पत्र निर्माण के बारे में बताया। डॉ सत्यनारायण स्वामी ने जेन्डर संवेदनशीलता को प्राचीन ऐतिहासिक उदाहरणों से स्पष्टकिया। संदर्भ व्यक्ति डॉ. श्याम सुन्दर कौशिक ने जेन्डर संवेदनशीलता व अंजू चौहान ने सीखने के प्रतिफल तीन दिवसीय कार्यशाला में सामग्री निर्माण के बारे में बताया। विवेक शहारे ने भी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया।
