देवचरण लाल वर्मा का जन्म तिल्दा रेल्वे स्टेषन के पास कोदवा नामक ग्राम में 20 नवम्बर सन् 1920 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री पूरन लाल वर्मा था। उन्होंने माध्यामिक तक शिक्षा प्राप्त की थी, षिक्षा प्राप्त करने के लिये वे रायपुर आये। यहां पर अपने साथी युवकों से जुड़ते हुये प्रभात फेरी, खादी प्रचार, जुलूस एवं प्रदर्षन में भाग लेने लगे। वर्मा जी उस समय के एक प्रमुख नेता लक्ष्मीनारायण दास से प्रभावित होकर उनके नेतृत्व में बष्हिकार एवं स्वदेशी आंदोलन का प्रचार प्रसार करने लगे। उन्होंने अपने ग्राम कोदवा एवं आस-पास अनेक ग्रामों में जाकर लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा था।
शिक्षा पूर्ण कर वे स्कूल में शिक्षक बन गये थे। किंतु द्वितीय विश्वयुद्व के काल में उग्र राष्ट्रीय भावनाओं के कारण उन्होंने नौकरी त्यागकर ब्रिटिश शासन के विरूद्व तिरंगा झण्डा लेकर भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और सरकार विरोधी भाषण देते हुए गिरफ्तार कर लिये गये। उन्हें 5 अक्टूबर सन् 1942 से 15 मार्च सन् 1943 तक लगभग 6 माह कारावास की सजा प्राप्त हुई थी। उन्हें रायपुर सेण्ट्रल जेल में रखा गया था।
References:
- मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदत्त सेनानी प्रमाण पत्र
- मध्यप्रदेश शासन द्वारा जेल प्रमाण पत्र
- कलेक्टर रायपुर द्वारा प्रदत्त परिचस पत्र
- मध्यप्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सैनिक खण्ड-3, भाषा संचालनालय, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश, भोपाल, 1984