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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

बादल भोई

Chhindwara, Madhya Pradesh

November 10, 2022 to November 10, 2023

स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद बादल भोई का जन्म सन् 1845 (लगभग) में छिन्दवाड़ा जिले की परासिया तहसील के ग्राम डुगरिया तितरा में हुआ। आप श्री कल्याण सिहं भोई एवं श्रीमती विमला भोई की इकलौती संतान थे। स्वतंत्रता संग्राम में बादल भोई का अविस्मरणीय योगदान रहा है। सन् 1923 मंे तामिया में सम्पन्न कांग्रेस सभा में बादल भोई के नेतृत्व में हजारों आदिवासियों ने भाग लिया था। उसी सभा के बाद आदिवासी सेनानियों ने छिन्दवाड़ा के जिलाध्यक्ष निवास को घेरा था। स्वतत्रंता सेनानी श्री अर्जुन सिंह सिसोदिया के अनुसार ‘‘श्री बादल भोई ने अपने साथियों के साथ जिलाध्यक्ष के बंगले को घेरकर सरकारी खजाने पर धावा बोल दिया, जिसके फलस्वरूप निहत्थे आदिवासी क्रांतिकारियों पर लाठी चार्ज हुआ और श्री बादल भोई गिरफ्तार किये गये। ’’ बादल भोई ने स्वतंत्रता सेनानी श्री विश्वनाथ साल्पेकर के नेतृत्व में 21 अगस्त 1930 को रामाकोना में जंगल का कानून तोड़ा। इस पर अंग्रेज सरकार ने बादल भोई को महाराष्ट्र जेल में रखा, जहां पर सन् 1940 में जहर के कारण उनकी मृत्यु हुई। स्वतंत्रता- संग्राम में उनके योगदान को रेखांकित करने के उदद्ेश्य से राज्य शासन द्वारा छिन्दवाड़ा स्थित संग्रहालय का नामकरण ‘श्री बादल भोई राज्य आदिवासी संग्रहालय’ किया गया ।

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