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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

प्रजापति मिश्र

Champaran, Bihar

March 17, 2023 to March 17, 2024

प्रजापति मिश्र का जन्म चम्पारण जिले के रानीपुर ग्राम में 2 अक्टूबर, 1898 को हुआ था। इनके पिता का नाम पं० शीतला दत्त मिश्र एवं माता का नाम देवकी देवी था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर तथा माध्यमिक शिक्षा राज हाई स्कूल, बेतिया में हुई। महात्मा गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह, 1917 ने इनको काफी प्रभावित किया। उस समय मिश्र जी हाई स्कूल के विद्यार्थी थे। उन्होंने छात्र टोली का गठन कर चम्पारण सत्याग्रह के दौरान गाँधी जी को सहयोग प्रदान किया। उनके इस कार्य से गाँधी जी काफी प्रभावित थे। 1921 में गाँधी जी के आह्वान पर असहयोग आन्दोलन में भाग लेने के लिए स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा छोड़कर मिश्र जी चम्पारण आ गये। 1921 ई. में बेतिया में एक राष्ट्रीय स्कूल की स्थापना की गयी जिसके वे शिक्षक बने। आरक्षी अधीक्षक, चम्पारण के प्रतिवेदन से विदित होता है कि नवम्बर 1921 में प्रजापति मिश्र एवं विपिन बिहारी वर्मा के नेतृत्व में चम्पारण के अनेक स्थानों पर सभाओं का आयोजन कर महिला शिक्षा, स्वदेशी तथा चरखा के उपयोग पर जोर दिया गया। अक्टूबर 1923 में बेतिया नगर पालिका का चुनाव हुआ जिसमें बेतिया राज के तत्कालीन मैनेजर मि० रदरफोर्ड को पराजित कर विपिन बिहारी वर्मा अध्यक्ष तथा प्रजापति मिश्र उपाध्यक्ष बने। 1924 ई. में जिला परिषद् चम्पारण के क्रमशः अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पद पर भी निर्वाचित हुए। 1930 के नमक सत्याग्रह में 3400 सत्याग्रहियों के साथ मिश्र जी 5 अप्रैल को मोतिहारी से पैदल चलकर जब 13 अप्रैल को जोगापट्टी के पिपरहिया गाँव पहुँचे तो अन्य नेताओं के साथ उन्हें भी नमक कानून तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इस आरोप में उन्हें छः माह की सजा हुई। एस० पी० चम्पारण ने सरकार को प्रतिवेदित किया कि जनमानस पर नमक सत्याग्रह का अच्छा प्रभाव है। महिलाओं द्वारा शराब एवं विदेशी कपड़ो की दुकान पर धरना देकर बहिष्कार करना इसमें और सहायक सिद्ध हुआ है। 1931 ई. में प्रदेश काँग्रेस कमिटी ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में “कृषक जाँच समिति’’ का गठन किया तो प्रजापति मिश्र जी उसके सदस्य बनाये गये। इस अभियोग में मिश्र जी को 5 माह 15 दिनों के सश्रम कारावास की सजा हुई। 1934 ई. में बिहार में हुए भीषण भूकम्प के बाद प्रजापति मिश्र ने महात्मा गाँधी के साथ भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा किया तथा भूकम्प पीड़ितो की सहायता में जी-जान से लग गये। काँग्रेस ने उन्हें भूकम्प सहायता कोष का संरक्षक बनाया। 6 अप्रैल, 1936 को लगभग 150 एकड़ भूमि की व्यवस्था कर उन्होंने चम्पारण वृन्दावन नामक स्थान में ग्राम सेवा केन्द्र की स्थापना की जो महात्मा गाँधी के आर्थिक कार्यक्रमों की सफल प्रयोगशाला बना। अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान 9 अगस्त, 1942 को मिश्र जी को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पटना में 4 मई, 1953 को उनका निधन हुआ।

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