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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

रामनिरीक्षण सिंह

Samastipur, Bihar

March 17, 2023 to March 17, 2024

रामनिरीक्षण सिंह उर्फ पंडित जी का जन्म समस्तीपुर जिला के समर्था गाँव में एक संभ्रान्त जमींदार परिवार में सन् 1892 ई. में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा मधुबनी में हुई। कलकत्ता विश्वविद्यालय से इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। 1921 ई. में महात्मा गाँधी, मौलाना अबुल कलाम आजाद एवं पंडित मदन मोहन मालवीय पटना आए। उन सबों ने अपने भाषण में लोगों से विदेशी वस्त्र, सरकारी स्कूल कॉलेज एवं सरकारी नौकरी का बहिष्कार करने का आह्वान किया तो राम निरीक्षण सिंह भी पटना लॉ कॉलेज की पढ़ाई त्याग कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। पंडित जी ने बिहारवासियों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होंने दो दर्जन देशभक्तों की टोली के साथ पटना, मुंगेर, दरभंगा आदि जिलों की पदयात्रा की। एक बार पंडित जी पदयात्रा करते हुए अपनी टोली के साथ पटना से सिमरिया घाट पहुँचे, वहाँ पर रामधारी सिंह दिनकर (जो कि उस समय मोकामा हाई स्कूल के विद्यार्थी थे), ने पंडित जी का टोली सहित स्वागत किया। पंडित जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर अनेक युवक स्वतंत्रता आंदोलन में शरीक हुए। सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय पंडित जी कांग्रेस दल के तुफानी व्यक्तित्व वाले नेता समझे जाते थे। एक दिन में ये एक दर्जन से अधिक सभाएँ करते थे एवं इस आंदोलन के उद्देश्यों को जनता के सामने पहुँचाते थे। इन्होंने समस्तीपुर जिले के मजदूरों को संगठित कर वहाँ के कोठी वाले साहबों की खेती को लगभग ठप्प करा दिया था। स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेने के कारण इन्हें कई बार जेल की यात्राएँ करनी पड़ी परंतु इनकी गिरफ्तारी अंग्रेजी शासन के लिए बड़ी कठिन होती थी। जनवरी 1934 ई. को बिहार में भीषण भूकंप आया था। पंडित जी ने समस्तीपुर जिला में भूकंप पीड़ितों की मदद करने में सराहनीय भूमिका निभाई।

Jhanda Satyagraha

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