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Paying tribute to India’s freedom fighters

बिपिन बिहारी वर्मा

Champaran, Bihar

March 17, 2023 to March 17, 2024

बिपिन बिहारी वर्मा का जन्म 26 फरवरी, 1892 ई. में चम्पारण जिला के डी. के. शिकारपुर ग्राम में एक जमींदार परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम दीवान अद्या प्रसाद था। वर्त्मान में यह ग्राम प० चम्पारण जिला के शिकारपुर थाना के अंतर्गत है। प्रारंभिक शिक्षा गाँव के विद्यालय से हुई। उसके पश्चात् राज स्कूल बेतिया हाई इंगलिश स्कूल मुजफ्फरपुर में उन्होंने अध्ययन किया। 1917 में गाँधी जी के चम्पारण सत्याग्रह के समय उन्होंने कुछ समय के लिए वकालत छोड़कर गाँधीजी के साथ स्वयंसेवक के रूप में कार्य किया। नवम्बर 1921 ई. में महात्मा गाँधी के आह्वान पर बिपिन बिहारी वर्मा एवं प्रजापति मिश्र के नेतृत्व में चम्पारण जिला के रामनगर, मछरगाँवा, बेतिया, बगहा, रजवटिया मेला तथा लाल सरैया इत्यादि स्थानों पर सभाओं का आयोजन किया गया जिसमें हजारों हजार की संख्या में लोगों ने भाग लिया। इन सभाओं के आयोजन का एक मात्र उद्देश्य था महिला शिक्षा, स्वदेशी एवं चरखा के उपयोग के लिए जनता को प्रोत्साहित करना। 1930 में गाँधी के आह्वान पर विपिन बाबू, प्रजापति मिश्र, नारायण मणि त्रिपाठी, शिवधारी पाण्डेय एवं चम्पारण के अन्य नेताओं के नेतृत्व में लगभग 3400 सत्याग्रहियों के साथ चम्पारण जिला काँग्रेस कमिटी कार्यालय बंजरिया पंडाल मोतिहारी से पैदल चलकर 13 अप्रैल को जोगापट्टी के पिपरहियां गाँव पहुँचे तो अन्य नेताओं के साथ इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें एक साल की सजा भी हुई। उसके बाद भी चम्पारण में नमक बनाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने में सरकार सक्षम नहीं हो सकी तथा लोग छिपकर नमक बनाते रहे। 1934 के विनाशकारी भूकम्प से प्रभावित लोगों को सहयोग प्रदान करने के कार्य में अन्य काँग्रेसी नेताओं की तरह बिपिन बाबू का भी योगदान रहा। 1974 में उनकी मृत्यु हो गयी।

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