
शिव गोविंद सोनी का जन्म 16 अगस्त, 1924 को धमतरी में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री किरत राम था। रायपुर जिले की धमतरी तहसील राष्ट्रीय घटनाओं के लिए विख्यात हो चुकी थी। यहां के वातावरण ने बालक शिवगोविंद के हृदय में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी थी। उनके पिता ने शिवगोविंद को घर में बंद कर आंदोलन में सम्मिलित होने से रोकने का बहुत प्रयत्न किया था, यहां तक कि कमरे में बंद भी किया था, किंतु शिवगोविंद जी नहीं रुके थे। अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होने के पूर्व से ही वातावरण तनावपूर्ण था। धमतरी पुलिस ने धमतरी के राष्ट्रभक्तों को कुचलने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी। रुद्री गांव के निकट गंगरेल में हथियारबंद सैनिकों का एक जत्था शिविर लगाकर रुका हुआ था, जिसे देखकर धमतरी के लोग भयभीत रह,े किंतु इसका उल्टा असर हुआ था। धमतरी के राष्ट्रभक्त उस कैंप को नष्ट करने के लिए संगठित हो गए थे तथा कैम्प पर एक रात धावा बोल दिया। उसके टेंट उखाड़ के फेंक दिए, सिपाहियों ने बंदूक दागी थी किसी को गोली नहीं लगी। दूसरे दिन धमतरी में स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के लगभग 50 सिपाहियों ने बस्तियों की घेरेबंदी की तथा 30 से अधिक स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक शिव गोविंद सोनी जी भी थे उन्हें आई.पी.सी. की धारा 143-38(1)(ं) की तहत् 6 माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई तथा स्पेशल मजिस्ट्रेट दीक्षित 8 अक्टूबर, 1942 को रायपुर केंद्रीय जेल भेज दिया, जहां से वे 18 मार्च, 1943 को मुक्त हुये, जेल में अत्यधिक पिटाई के कारण उनका एक हाथ टूट कर सदा के लिए खराब हो गया था।