केशोराम टंडन का जन्म रायपुर के फिंगेश्वर जमींदारी के अंतर्गत कौंदकेरा ग्राम में सन् 1910 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री रामचरण टंडन एवं माता का नाम श्रीमती देवकी बाई था। केशोराम जी ग्राम के स्कूल में ही प्राथमिक कक्षा तक की थी। पंडित सुंदरलाल शर्मा का प्रभाव और सन् 1920 के कंडेल सत्याग्रह में इस क्षेत्र के कृषकों में राजनीतिक चेतना जागृत कर दी थी। सन् 1930 में जंगल सत्याग्रह में केशोदास आदि साथिओं के साथ आंदोलन में भाग लेते हुए सितंबर के प्रथम सप्ताह में वन कानून एवं धारा 144 का उल्लंघन किया। उन्हें आई.पी.सी. की धारा 143 के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया गया तथा 26 सितंबर, 1930 को रायपुर केंद्रीय जेल भेजा गया। 23 दिसंबर, 1930 तक वे जेल में रहे। उन्होंने दिनांक 11 अक्टूबर, 1930 को आर्थिक दंड जमा कर दिया था, इसलिए 2 माह 27 दिन की जेल में रहे। केशोराम जी ने भारत छोड़ो आंदोलन के समय भी शासन के विरुद्ध ग्रामों में प्रचार किया था। उनका देहावसान 18 दिसंबर, 1993 को हो गया।