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Unsung Heroes Detail

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मुकुंद लाल दुबे

Raipur, Chhattisgarh

March 15, 2023 to March 15, 2024

 मुकुंद लाल दुबे जी का जन्म रायपुर के ब्राह्मण पारा में सन् 1908 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री बृजलाल दुबे था। सन् 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में उन्होंने रायपुर के मोती बाग (कंपनी गार्डन) में एक सभा के दौरान तिरंगा फहरा दिया था, इसके कारण उपस्थित पुलिस ने उन्हें घेर लिया किंतु वे वहां से निकल गए।         सन् 1928 में ठाकुर प्यारेलाल सिंह, यतियतन लाल एवं मौलाना अब्दुल रऊफ के द्वारा सन् 1928 में रायपुर में यूथ लीग की स्थापना की गई थी। जिसके सदस्य शंकरलाल गनोद वाल, रामानंद दुबे आदि, के साथ वे भी थे। यह सदस्य यतियतन लाल जी के बुलावे में महासमुंद में जंगल सत्याग्रह का संचालन करने गए थे। मुकुंद लाल जी को पुलिस रायपुर में खोज रही थी और वे महासमुंद पहुंच गए थे। महासमुंद में तमोरा के जंगल में सत्याग्रह में उन्होंने भाग लिया। 9 सितंबर, 1930 को यतियतन लाल जी और श्री शंकरराव गनोद वाले की गिरफ्तार के पष्चात् 11 सितंबर, 1930 को वहां एक विशाल सभा हुई जिसमें 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। रायपुर की पुलिस मुकुंद लाल जी को पहचान चुकी थी। क्योंकि उनके लिए गिरफ्तारी का वारंट निकला चुका था। अतः उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया गया। दुबे जी 12 सितंबर, 1930 को ही आई.पी.सी. की धारा 144 के तहत् 6 माह के लिए रायपुर केंद्रीय जेल में भेज दिया गया तथा उन्हें 200 रूपये का अर्थदण्ड भी हुआ था। उन्होंने 1942 में भी आन्दोलन में हिस्सा लिया। उनका देहावसान सन् 1984 को हो गया।

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