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Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

छन्नूलाल वर्मा

Raipur, Chhattisgarh

January 31, 2023 to January 31, 2024

छन्नूलाल वर्मा का जन्म दुर्ग जिले के पाटन जमींदारी के सेलूद ग्राम में 15 अक्टूबर, 1915 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री मोतीलाल वर्मा था। सन् 1929 में पांचवी तक की शिक्षा पाटन से प्राप्त की थी। सविनय अवज्ञा आंदोलन में विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार, मद्यनिषेध आदि कार्यक्रमों में उन्होंने अध्यक्ष के रूप में अग्रणी भूमिका में कार्य किया। उनके कार्यों ने स्थानीय नेताओं को अत्यधिक प्रभावित किया था। अतः सन् 1936 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी तथा त्रिपुरा अधिवेशन में एक सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया था । व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभ होने पर उन्होंने गांवों का दौरा कर लोगों को अंग्रेजों के विरुद्ध जागृत किया तथा कांग्रेस के कार्यक्रमों की जानकारी दी। सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होते ही आंदोलन करने के लिए उन्होंने अपने साथियों से संपर्क किया। उत्तर प्रदेश के सेवा दल के नेता आचार्य रामदेव इस समय पाटन में निवास करते थे। छन्नूलाल उनके साथ पाटन सांतरा, बटंग, खोरपा आदि गांव में सभा लेने जाने लगे। सावधानी बरतने के बावजूद पुलिस ने घेराबंदी कर छन्नूलाल और उनके साथियों को बंदी बना लिया। उन्हें डी.आई.आर. की धारा 129(1), 26(1), 28(5) के तहत गिरफ्तार कर लिए गए तथा 6 माह के कारावास की सजा दी गई। वे 5 सितंबर, 1942 से 15 अप्रैल, 1943 तक रायपुर केन्द्रीय जेल में रहे। उनका देहावसान 2012 को हो गया।

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