भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Raipur, Chhattisgarh
January 30, 2023 to January 30, 2024
विश्राम का जन्म 1909 को कुर्रा ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री गोपाल राम था, यह परिवार राष्ट्रीय विचारधारा का था। उनके पुत्र, चाचा आदि सभी राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभा रहे थे। सन् 1930 के जंगल सत्याग्रह ने कुर्रा ग्राम में राष्ट्रीय चेतना का संचार कर दिया था। लोग गांधीजी के कार्यक्रमों की ओर आकृष्ट होने लगे थे। सन् 1933 में गांधीजी का काफिला बलौदाबाजार क्षेत्र से होकर निकला था। उन्हें गांधीजी के व्यक्तित्व ने अत्यधिक प्रभावित किया था अतः वह कट्टर गांधीवादी हो गए थे। कुर्रा एवं अन्य कुछ ग्राम के लोगों के लिए बंगोली के आनंददास के घर आंदोलन का केंद्र बना हुआ था। बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र होकर आगे किए जाने वाले कार्यक्रमों की चर्चा करते थे तथा काम का वितरण कर दिया जाता था। सन्् 1942 में उन्हें ब्रिटिश शासन विरोधी आंदोलन का प्रसार करने की जिम्मेदारी मिली थी। वे अपने साथियों सूकालूराम, गिरिवर, प्यारेलाल आदि के साथ गांव-गांव घूमकर भारत छोड़ो आंदोलन में सम्मिलित होने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे थे, उनका दल रायपुर भी पहुंच गया था। यहां पर उन्हें धारा 144 तोड़ने के जुर्म में धारा 143 आई. पी. सी. के तहत् 6 माह की सजा के साथ रायपुर जेल भेज दिया गया । जहां वे दिनांक 31 अक्टूबर, 1942 से 7 जुलाई, 1943 तक कारावास में रहे। उस समय सिटी मजिस्ट्रेट आर. एल. तिवारी थे।