Unsung Heroes | History Corner | Azadi Ka Amrit Mahotsav, Ministry of Culture, Government of India

Unsung Heroes Detail

Paying tribute to India’s freedom fighters

रामसिंह

Raipur, Chhattisgarh

January 30, 2023 to January 30, 2024

रामसिंह का जन्म ग्राम गिरोद में 4 अगस्त, 1918 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री शिवप्रसाद था। वे जब स्कूल में थे उस समय प्रभात फेरी और जुलूस में कागज का तिरंगा बनाकर वंदे मातरम गाते हुए तथा नारे लगाते हुए घूमते थे। उनके ग्राम में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की सभा होती थी, ग्रामवासी चरखा चलाना एवं तकली कातना सीखा करते थे। सन् 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह होने पर गिरोद एवं आसपास के कई ग्रामों में सत्यग्रही आंदोलन को सफल बनाने के लिए तिरंगा हाथ में लेकर ब्रिटिश शासन के विरुद्ध नारे लगाते हुए गांव-गांव भ्रमण करते थे। इससे प्रोत्साहित होकर सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में वे भी शामिल होकर अपने साथियों के साथ गांव-गांव में ब्रिटिश विरोधी अलख जगाते हुए घूमने लगे। कई स्थानों में सभा का आयोजन भी किया। पुलिस का दबाव बढ़ने पर कुछ समय तक अपना घर छोड़कर साथियों के घर पर छिपकर कार्य किया। अंततः ग्राम कोटवार के द्वारा पुलिस को जानकारी देने के कारण वे गिरफ्तार कर लिए गए तथा अधिक लोगों के साथ कानून के विरुद्ध एकत्र होने के जुर्म में धारा 143 आई. पी. सी. के तहत 6 माह के कारावास की सजा दी गयी। उन्हें 31 अक्टूबर, 1942 से 7 जुलाई, 1943 तक रायपुर केन्दीय जेल में रखा गया। उन्हें कुल 7 माह का कारावास हुआ था।

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