झाड़ूराम महोबिया का जन्म 10 अगस्त, 1922 को छुईखदान में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री राम सहाय महोबिया था। उनकी शिक्षा-दीक्षा छुई खदान में ही प्राथमिक तक ही हो पाई थी। किंतु उन्हें छुईखदान रियासत की राजनीतिक स्थिति ने एक सक्रिय राष्ट्रभक्त बना दिया था। वे छुईखदान स्टेट कांग्रेस की स्थापना के समय से ही जुड़ गए थे। सन् 1938 में श्री रामनारायण मिश्र हर्षुल ने स्टेट कांग्रेस की स्थापना की थी। इस संस्था की ओर से छुई खदान रियासत के समक्ष अपनी मांगे रखी जिसमें उत्तरदायी सरकार की स्थापना, बेगार प्रथा की समाप्ति, लगान में कमी करना आदि था। रियासत ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अतः दमन एवं अत्याचार के विरुद्ध आंदोलन प्रारंभ किया गया । रामनारायण मिश्र हर्षुल के नेतृत्व में जंगल सत्याग्रह करने का निश्चय किया। रियासत के खैरा नर्मदा नामक स्थान पर जनवरी सन् 1939 को सत्याग्रह प्रारंभ किया गया। इसके प्रमुख नेता झाड़ूराम महोबिया, समारू राम महोबिया, पूनम सांखला आदि थे। इसके अंतर्गत उन्होंने बंगाल से घास काटकर अपनी गिरफ्तारी दी। इस जुर्म के लिए उन्हें 1 माह की सजा हुई थी। सन् 1946 में रियासत के विलीनीकरण आंदोलन में भी वे सक्रिय रहे।