मनोहर दास वैष्णव का जन्म बलौदाबाजार में सन् 1901 में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री गोपाल दास वैरागी था। मनोहर दास जी स्वदेशी कार्यक्रम के अनुसार खादी बिक्री में सहयोग करने लगे। वे रायपुर आकर यहां जैतूसाव मंदिर में रहने वाले श्री झालूराम चंद्रवंशी, देवीदयाल तिवारी आदि साथियों के साथ आंदोलन में सक्रिय हो गए। सन् 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह में तिरंगा लेकर ग्रामों की यात्रा करते हुए युद्ध विरोधी एवं ब्रिटिश शासन विरोधी नारे लगाने के कारण अपने साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिए गए। इस समय उन्हें 1 वर्ष की सजा हुई थी। अगस्त सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के समय वे रायपुर में ही थे। 9 अगस्त, 1942 को शाम को निकलने वाले जुलूस में वैष्णव जी को एक समूह में ब्रिटिश शासन विरोधी नारा लगाने के कारण सिटी मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तार कर लिया तथा अधिनियम 129(2) डी आई आर 26(1), 38(5) की धारा लगाते हुए 6 माह कारावास की सजा दी गई। वे दिनांक 14 अगस्त, 1942 से 13 मार्च, 1943 तक रायपुर केंद्रीय जेल में रहे। उन्हें कुल 7 माह कारावास की सजा हुई थी। उनका देहावसान 3 अगस्त, 1962 को हो गया।