भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Raipur, Chhattisgarh
January 30, 2023 to January 30, 2024
गंगाराम तिवारी जी बलौदाबाजार के सैहा ग्राम के निवासी थे। उनके पिता का नाम श्री दुर्गा प्रसाद तिवारी था। बलौदाबाजार क्षेत्र में सन् 1930 के जंगल सत्याग्रह के साथ जनजागृति का प्रसार हुआ था। गंगाराम जी के पिता श्री दुर्गा प्रसाद भी एक गांधीवादी विचारधारा वाले राष्ट्रभक्त थे। इसीलिए वे अपने पुत्र को राष्ट्रीय आंदोलन के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सदा प्रोत्साहित करते थे। गंगाराम जी रायपुर जा कर आंदोलन के कार्यक्रमों में भाग लेते थे एवं स्वयं अपने एवं आसपास के ग्रामों में सभाएं किया करते थे। वे ग्राम सैहा के साथ ग्राम गुमा एवं बलौदाबाजार क्षेत्र के सक्रिय कांग्रेसी स्वयंसेवक थे। अतः उन्हें व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिए प्रशिक्षित सत्याग्रही बनाया गया था ।
व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभ होने की द्वितीय चरण में पैदल मार्च करते हुए युद्ध विरोधी नारे लगाने एवं भाषण देने के कारण जुलाई सन् 1941 को गिरफ्तार कर लिए गए तथा रायपुर केंद्रीय जेल के असिस्टेंट कमिश्नर रोड्रिस्क की अदालत से उन्हें 6 माह के कारावास की सजा हुई थी। यह सजा तिवारी जी ने रायपुर केंद्रीय जेल एवं नागपुर केंद्रीय जेल में रहकर पूर्ण की थी।