प्यारेलाल कश्यप का जन्म सन् 1906 में भाटापारा के तरेसर ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री विश्राम लाल कश्यप था। ग्राम के स्कूल में ही प्राथमिक शिक्षा लेने के पश्चात् वे परिवारिक कार्य कृषि में संलग्न हो गए थे। भाटापारा में राष्ट्रीय आंदोलन की घटनाओं से प्रभावित होकर उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के अंतर्गत जंगल सत्याग्रह एवं सन् 1932 में आंदोलन के द्वितीय चरण में राष्ट्रीय सप्ताह के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभायी थी। इस समय कश्यप जी को गिरफ्तार किया गया था। यद्यपि कम उम्र होने के कारण सजा अल्पकाल की थी।
सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होते ही वे सक्रिय नेता के रूप में आस-पास के गांवों में गुप्त रूप से ब्रिटिश शासन विरोधी भावनाओं का प्रसार करने लगे। कुछ समय तक उन्हें पुलिस नहीं पकड़ पाई थी। सितंबर माह की अंतिम तिथियों में वे अपने कुछ साथी गिरवर लाल, शिवपाल सिंह आदि के साथ सभा में युद्ध विरोधी भाषण देने के कारण गिरफ्तार कर लिए गए। इसके कारण उन्हें 6 माह की सजा हुई। 31 अक्टूबर, 1942 से 7 जुलाई, 1943 तक वे रायपुर जेल में रहे।