भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
संस्कृति मंत्रालयMINISTRY OF CULTURE
Raipur, Chhattisgarh
January 30, 2023 to January 30, 2024
रामवती बाई का जन्म 15 जुलाई, 1911 में हुआ था। उनका विवाह बंगोली निवासी श्री नंदलाल वर्मा जी से हुआ था। नंदलाल जी एक गांधीवादी विचारधारा वाले युवा थे। वे छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेता खूबचंद बघेल के संपर्क में थे, अतः वे राष्ट्रीय आंदोलन के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने अक्सर रायपुर आते रहते थे। उनका क्षेत्र खरोरा ग्राम के निकट था। जहां छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेता महंत लक्ष्मीनारायण दास का कार्यक्रम होता था तथा रायपुर की प्रमुख महिला सत्याग्रही डॉक्टर राधाबाई भी आती थीं तथा महिलाओं को स्वतंत्रता सभा में आने के लिए प्रेरित करती थीं। उनके साथ अन्य महिलायें भी आती थीं। अतः उनसे प्रेरणा पाकर रामवती बाई एक सत्याग्रही बन गई थीं। वे भी बंगोली एवं खरोरा में होने वाली सभाओं में भाग लेने लगी थीं।
रामवती बाई के पुत्र ने भी सत्याग्रही हो होकर जेल की यात्रा की थी। इस तरह पूरा परिवार राष्ट्रभक्त था। सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ होने के पश्चात् गांव में जाकर लोगों को युद्ध के विरोध में जागरूक करने के लिए भाषण दिया तथा नारा लगाया जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार कर 6 माह के कारावास की सजा दी गई। उनका देहावसान सन् 1992 में हो गया।