ग्राम पंचायत के सभागार में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के माध्यम से आई वीओसीआपी टीम द्वारा गांव के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक आयाेजित की गई। जिसमें राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के बारे में बताया गया। स्वयं सहायता समूह से छोटी-छोटी बचत के बारे में बताया गया। उन्हांेने बताया कि महिलाएं पापड़ बनाना, अगरबत्ती बनाना ,साबुन बनाना आदि सीखकर स्वयं का रोजगार पा सकती है।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजनांतर्गत स्वयं के उद्यम की स्थापना, विस्तार, विविधीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए अधिकतम दस करोड़ रुपए तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। बैंकों द्वारा स्वीकृत, वितरित ऋणों पर योजनानुसार ब्याज अनुदान उद्योग विभाग द्वारा देय होगा। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एसआर देवासी ने बताया कि प्रदेश में उद्यमों की सरल स्थापना एवं राज्य के सभी वर्गों के व्यक्तियों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में की गई बजट घोषणा के अनुरूप लघु उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने की दृष्टि से मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गई है।