9 अगस्त 1942 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजीने ‘भारत छोडो आंदोलन’ का आगाज किया था. इस आंदोलन की चिंगारी महाराष्ट्र के चंद्रपूर जिले के चिमूर मे भी हुई. 16 अगस्त 1942 को चिमूर मे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की आग एैसी फैली की चिमूर स्वतंत्र घोषित कर दिया गया. लेकीन अंग्रेज सरकार ने यह आंदोलन कुचलने के लिये लोगों को घर मे बंदी बना लिया. एैसे में अंग्रेजो का प्रतिकार करने के लिये 16 साल के बालाजी रायपूरकर और अन्य लोग घरोंसे बाहर निकले. अंग्रेजो ने बालाजी के सिनेपर गोलिया बरसाई. इसमे बालाजी शहीद हुये.
1942 में देश अंग्रजो के गुलामी में रहते हुये चिमूर गाव स्वतंत्र हुआ था. गौर की बात यह है की चिमूर के स्वतंत्रता का ऐलान बर्लिन से नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने रेडीओ पे किया था.