आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला मेंं राजकीय महाविद्यालय बिरोहड़ में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी सुबोध रॉय की 108वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इति हा स विभागाध्यक्ष डॉ अमरदीप ने कहा कि सुबोध रॉय का जन्म 1915 को चटगांव, तत्कालीन बांग्लादेश में हुआ था। रॉय भारत के स्वाधीनता आंदोलन से प्रभावित क्रांतिकारी समाजवादी थे।
इस कार्यक्रम विद्यार्थियों को जीवन के संयोजक एवम परिचय बताया रिवोल्युशनरी इंडियन सोशलिस्ट पार्टी के नेता सूर्यसेन ने 1930 में चटगांव में अंग्रेजों के हथियारों की मालखाने पर छापा मारने की योजना बनाई। योजना के तहत चटगांव में दो मालखानों पर कब्जा करना शामिल था। क्रांति की ज्वाला को और तेज करने के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से चटगांव में इंपीरियल बैंक को लूटना और क्रांतिकारियों को जेल से छुड़ाना भी योजना का हिस्सा था। 18 अप्रैल को इस योजना पर अमल किया गया। क्रांतिकारियों के एक समूह ने यूरोपियन क्लब के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया। इसमें सुबोध रॉय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1934 में पोर्टब्लेयर की सेल्यूलर जेल, काला पानी की सजा, भेज दिया गया। 1940 में जेल से रिहा होने के बाद रॉय राजनीति में आ गए और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बन गए। सुबोध रॉय ने कम्युनिस्ट आंदोलन के इतिहास में बडा बौद्धिक योगदान दिया। इस अवसर पर प्रोफेसर जितेद्र, डॉ नरेंद्र सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।
