सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा है कि अच्छी सेहत के लिए मोटा अनाज बहुत ही लाभकारी है। नागरिक मोटे अनाज की महता को समझें और इसे खान-पान में अधिक से अधिक शामिल करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
सिविल सर्जन ने कहा कि पहले लोग आमतौर पर मोटे अनाज को ही भोजन में प्रयोग करते थे, जिससे हमारा स्वास्थ्य सही रहता था। लेकिन वर्तमान में मोटे अनाज का प्रयोग कम कर दिया है। इसी प्रकार से मौसम के अनुरूप भी लोग अनाज का प्रयोग नहीं करते, जिससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज को भोजन के रूप में प्रयोग करने से शरीर को पूरी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिंस व मिनलर्स मिलते हैं। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मोटा अनाज एक तरह से बूस्टर डोज का काम करता है,जिसकी महता कोरोना के बाद सभी को मालूम हुई है।
डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि मोटे अनाज में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फास्फोरस, मैंग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन-बी-6, 3, कैरोटीन, लेसिथिन आदि तत्व होते हैं। मोटा अनाज डायबिटीज को रोकने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के अनुसार मोटा अनाज अस्थमा रोग में लाभदायक है। बाजरा खाने से श्वास से संबंधि सभी रोग दूर होते हैं। इसके अलावा यह थायराइड, यूरिक एसिड, किडनी, लिवर, लिपिड रोग और अग्नाशय से संबंधित रोगों में लाभदायक है। सिविल सर्जन ने नागरिकों का आह्वïान किया है कि स्वस्थ रहने के लिए अपने भोजन में मोटा अनाज का प्रयोग बढ़ाए।
