आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत राजकीय महाविद्यालय बिरोहड़ के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग एवं हरियाणा इतिहास कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. रणवीर सिंह आर्य के निर्देशन में भारत के महान सपूत एवं महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक और मुख्य वक्ता डॉ. अमरदीप, इतिहास विभागाध्यक्ष ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आजाद हिंद फौज खड़ी करके नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारत की आजादी के लिए विराट कार्य किया और भारतीयों में जोश पैदा करने और देश के लिए मर मिटने की भावना जगाने के लिए उन्होंने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा दिया। सुभाषचंद्र बोस का व्यक्तित्व इसी बात से स्पष्ट झलकता है जब वे अपने सारी सुख सुविधाएं छोड़कर भारत भूमि को स्वतंत्र करवाने के एकमात्र लक्ष्य अफगानिस्तान, रूस, जर्मनी, जापान, सिंगापुर, धर्मा इत्यादि को अपने कदमों से नाप दिया "दिल्ली चलो और जयहिंद" का उद्घोष आज भी हर भारतीय रोमांचित कर देता है। 23 जनवरी 1897 को वर्तमान ओडिशा के कटक में जन्मे बोस बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के स्वामी थे जिसकी बदौलत उन्होंने आईसीएस की कठिनतम परीक्षा पास की, परन्तु देश सेवा के दीवाने सुभाषचंद्र बोस ने ब्रिटिश नौकरी छोड़ दी और आजादी की भावना मन में लिए भारतीय राजनीति में कूद पड़े। उन्होंने 1939 में महात्मा गांधी समर्थित पट्टाभि सीतारमैया को कांग्रेस अध्यक्ष के पद के चुनाव में हरा दिया था, परन्तु बाद में महात्मा गांधी के लिए त्यागपत्र भी दे दिया। इस विशेष सेमिनार में प्रोफेसर ओमबीर, पवन कुमार, जितेन्द्र, और डॉ. प्रदीप कुमार उपस्थित रहे।
