आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, तथा रवीन्द्र मंच, जयपुर, की सबद्ध संस्था अनुपम रंग थियेटर सोसायटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय षष्टम रंगीलो राजस्थान नाट्य समारोह 2022 के अन्तर्गत दिनांक 05.12.2022 को पद्मश्री विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक ’’तीजां और बीजां’’ का मंचन रवीन्द्र मंच के मिनि थियेटर में किया गया। प्रस्तुत नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशन हिमांशु झांकल द्वारा किया गया। नाटक ’’तीजां और बीजां ’’ महिला समलैंगिकता व नारी स्वतंत्रता पर आधारित नाटक है। इसमें दिखाया गया कि दहेज का लालची पिता अपनी बेटी को बेटे का भ्रम रखकर बड़ा करता है और उसकी शादी साहूकार मित्र की बेटी से कर देता हैं । इस तरह की शादी लड़की से होती है। दोहरी जिंदगी नहीं जीने का संकल्प लेते हुए दोनों समाज के समाने साथ रहने का वचन लेते हैं। समाज की परंपराओं से अलग चलने का विरोध करने पर तीजा और बीजां अपनी स्वतंत्रता को अपनाते हुए समाज से बाहर रहती हैं। इनके साहस और स्वच्छंदता को पसंद करने हुए भूतों का सरदार उनको आश्रय देता हैं और बीजां को मर्द बनने का वरदान भी प्रदान करता है, लेकिन बीजां के मर्द के खोल में रहने से उन दोनों का वास्तविक प्रेम खत्म होता जाता है। अंत में बीजां भूतों के वरदान से ही वापस मर्द को खोल त्यागकर असली रूप में आ जाती है। नाटक में संदेश दिया गया है कि हमें दोहरी जिंदगी ना जीते हुए कुदरत द्वारा प्रदान किए गए वास्तविक जीवन, चेहरे और स्वभाव को अपनाना चाहिए।