आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में 23 नवम्बर को रोहतक के डीसी यशपाल ने बताया कि अटैकर्स कमजोर सिस्टम पर हमला करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए मैलिसस कोड का सहारा लेते हैं। साइबर सिक्योरिटी पर अटैक अनेक प्रकार से किए जा सकते हैं। इसके लिए मॉलवेयर, फिशिंग अटैक, डिनायल ऑफ सर्विस, मैन इन द मिडिल के माध्यम से किया जा सकता है। इसको सिस्टम को हैक करने, क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे की मांग के लिए या फिर डार्क वेब पर डेटा बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के हमलों में संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जानकारी जो उपयोगकर्ता के वेबसाइट पर उपलब्ध है, उसे बिना किसी वेबसाइट या यूजर्स के ज्ञान के हाईजैक कर लिया जा सकता है।