आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में कैथल,में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कैथल के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायधीश नरेश कत्याल के निर्देशानुसार वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र के सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पैनल अधिवक्ता और पराविधिक स्वंय सेवकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला को पैनल अधिवक्ता अरविन्द खुरानिया ने भारत में दतक ग्रहण नियम 2022 में गोद लेने की नई प्रक्रिया के बारें में जानकारी दी और बताया कि किशोर न्याय कानून 2015 को नोटीफिकेशन 9 अगस्त 2021 के द्वारा संशोधित किया गया है और बदलाव को दिनांक 1 सितंबर 2022 से लागू किया गया, जिसके तहत अदालत से दतक ग्रहण का क्षेत्राधिकार अब जिला मैजिस्ट्रेट को दे दिया गया है और साथ में दतक ग्रहण अधिनियम 2022 को नोटिफाई किया गया, जिसके तहत अब रिश्तेदार के द्वारा दतक ग्रहण भी अब कारा के माध्यम से संभव होगा यानि कि उपायुक्त के आदेश से ही दतक ग्रहण की प्रक्रिया संभव होगी। ये सभी संशोधन बच्चों के अधिकारों और हितों को सुरक्षित करने के लिए किये गये है।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दानिश गुप्ता ने बताया कि संविधान के अनुसार गरीबों व समाज के कमजोर वर्गों के लिए निशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है। राज्य का उत्तर दायित्व है कि सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की हैल्पलाईन नं0. 01746-235759 पर किसी भी तरह की कानूनी या सामाजिक समस्या के बारें में भी बात कर सकते हैं।