आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में शहीद भगत सिंह की 116वीं जयंती पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, चिन्दड़ में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के स्टाफ तथा विद्यार्थियों ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। प्राचार्य ईश्वर सिंह पूनिया ने कहा कि भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया, वह युवकों के लिए हमेशा ही एक बहुत बड़ा आदर्श बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भगत सिंह को हिन्दी, उर्दू, पंजाबी तथा अंग्रेजी के अलावा बांग्ला भी आती थी जो उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से सीखी थी। जेल के दिनों में उनके लिखे खतों व लेखों से उनके विचारों का अंदाजा लगता है। संस्कृत के अध्यापक सुखबीर शर्मा ने कहा कि भगत सिंह वास्तव में एक सच्चे देशभक्त थे, जो बहुत कम उम्र से एक उत्कृष्ट अतुलनीय क्रांतिकारी रहे। इस दौरान विद्यालय के प्रवक्ता डॉ. मदन गोपाल आर्य, जगराम नंगथला तथा डीपीई पृथ्वी सिंह ने भी शहीद भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। इसके साथ साथ विद्यालय की होनहार छात्राओ विधि व साइना ने भी भगत सिंह के जीवन पर ओजस्वी उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने का संकल्प लिया।