सरयू प्रसाद का जन्म 1 जनवरी सन् 1910 को दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री बिहारीलाल एवं माता का श्रीमती दयावती था। उन्होंने मैट्रिक तक शिक्षा रायपुर से एवं महाविद्यालय की शिक्षा जबलपुर से एवं एल.एल.बी. इलाहाबाद से किया था। अपने बड़े भाई नरसिंह प्रसाद अग्रवाल जो वकालत करने बालोद आ गये, उनके साथ वे भी बलौद आ गये थे। दोनों भाईयोें ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय बालोद एवं दुर्ग से आंदोलनों में भाग लिया था, और उन्हें जेल की सजा हुई थी।
इसके पश्चात् सरयू प्रसाद जी बालोद के निकट की जमींदारी डौडींलोहारा के किसानों को संगठित किया जो बेहिसाब लगान और बेगारी का शिकार थे। इसके पष्चात् सरयू प्रसाद जी बालोद के निकट जमींदारियां जैसे पानाबरस, अम्बागढ़ चैकी आदि के किसानों में भी जागृति लाने लगे। सन् 1937 में प्रांत में निर्वाचित सरकार का गठन हुआ था। इस निर्वाचन में भी उन्होंने सहयोग दिया था। अतः दोनों भाइयों को पूरे प्रांत में किसानों के हितैषी के रुप मेें पहचान मिल गयी थी।
तीन वर्ष के निरंतर प्रयास के प्श्चात् सरयू प्रसाद जी के नेतृत्व में 28 अगस्त सन् 1937 मालिघोरी के बाजार में किसानों विषाल सभा का आयोजन किया गया जिसके कारण तनाव बढ़ता देखकर पुलिस ने 94 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और अग्रवाल बंधुओं को सिवनी जेल में रखा गया। जेल से रिहा होने पर किसानों पर बढ़ते अत्याचार को देखकर पुनः सरयू प्रसाद जी ने 3 मई सन् 1939 को लोहारा के गुड़कट्टा ग्राम में अनशन प्रांरभ कर दिया था। 5 मई सन् 1939 को कुसुमकसा में पुनः विराट सभा का आयोजन कर चरी निस्तारी आंदोलन छेड़ा यहां पर अनषन की दषा में सरयू प्रसाद जी का लाया गया । उनके लोहारा से हटते ही किसानों को दबा दिया गया था।
सरयू प्रसाद जी का वर्धा आश्रम के साथ घनिष्ठ संबंध था। आपका गांधी जी, विनोबा भावे एवं तपस्वी सुंदरलाल से निकट का संबंध था। सन् 1942 में वे किसानों को न्याय दिलाने के लिये उनके मुकद्दमे की पैरवी के लिये हाईकोर्ट जाना चाहते थे किंतु दीवान ने अग्रेंज अधिकारियों से मिलकर भारत छोड़ो आंदोलन में होने वाली गिरफ्तारीयों के मध्य उनको भी गिरफ्तार करा दिया था। उन पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 26(1) डी आई आर के तहत् 3 अक्टूबर सन् 1942 से 4 जून सन् 1943 तक की अवधि तक कारावास की सजा हुई थी। उनका देहावसान 9 सितम्बर सन् 1971 में हुआ।
References:
- मध्यप्रदेश शासन का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जेल प्रमाण पत्र
- महाकोषल कांग्रेस कमेटी से प्रदत्त ताम्रपत्र
- जेल के बिल्ले
- मध्यप्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सैनिक खण्ड-3, भाषा संचालनालय, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश, भोपाल, 1984