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शिवदास डागा

Raipur, Chhattisgarh

August 08, 2022

शिवदास डागा का जन्म सन् 1885 में बीकानेर में हुआ था। पिता का नाम श्री बिसेसर दास एवं माता का नाम श्रीमती गोमती देवी था। बहुत कम उम्र में ही वे रायपुर के निकट आरंग में निवास करने लगे थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा रायपुर में हुई।

डागा जी जल्दी ही एक सफल कृषक और व्यापारी के साथ समाजिक उत्थान के लिये कार्य करने वाले व्यक्ति के रूप में विख्यात हो गये। शिवदास जी लोगों में लोकप्रिय थे। साथ ही शासन में भी उनकी योग्यता के चर्चे थे। यही कारण है कि सन् 1919 में उन्हें आनरेरी मजिस्ट्रेट का सम्मानित एवं महत्वपूर्ण पद प्रदान किया गया। जन सामान्य से  जुडे़ होने के कारण उनमें राष्ट्र प्रेम की भावना भी भरी हुई थी। वे जीवन भर एक सच्चे गांधीवादी नेता रहे।

सन् 1920 में गांधी जी के आगमन के साथ ही वे गांधीवादी आंदोलन के कार्यक्रमों का नेतृत्व करने लगे और उन्होंने सरकारी पद त्याग कर असहयोग आंदोलन में भाग लिया। दिसम्बर सन् 1920 को नागपुर के कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने के पश्चात् उन्होंने रायपुर में राष्ट्रीय विद्यालय खोलने में अपना विशेष योगदान दिया जिसके कारण वे राष्ट्रीय विद्यालय रायपुर के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किये गये। इसके पश्चात् वे निरंतर जनहित के कार्यों एवं राजनैतिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका में रहे। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान 6 अपै्रल से 13 अपै्रल तक रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सप्ताह मनाया गया था, जिसमें सभाओं, जुलूसो और गीते द्वारा आंदोलन का संदेश जन-जन तक पंहुचाया जाता था। रायपुर जिले का नेतृत्व वामनराव लाखे, लक्ष्मी नारायण दास, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, मौलाना रऊफ के साथ शिवदास डागा कर रहे थे। डागा जी की सक्रिय भागीदारी और मद्यनिषेध आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें 25 जून 1930 से 12 मार्च 1931 तक कारवास की सजा हुई। गांधी इरविन समझौते के कारण वे मुक्त कर दिये गये। सन् 1939 में जबलपुर के त्रिपुरी कांगे्रस सम्मेलन में आयोजन समिति में वे उप स्वागत.अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में थे। रायपुर कांग्रेस कमेटी में कई वर्षों तक अध्यक्ष रहे।

सन् 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह करते हुये 27 नवम्बर 1940 को रायपुर के माना से 74 साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिये गये। भारत छोड़ो आंदोलन के लिये मुम्बई के अधिवेशन में भाग लेने के लिये डागा जी भी गये हुये थे। वहां से लौटते समय 10 अगस्त सन् 1942 को मध्यप्रांत की सीमा के रेलवेे स्टेशन मलकापुर प्रांत के पं. रविशंकर शुक्ल, महंत लक्ष्मीनारायण दास के साथ शिवदास डागा एवं प्रांत के अन्य महत्वपूर्ण नेता गिरफ्तार कर लिये गये। इस अवधि में वे बालोर एवं जबलपुर जेल में रखे गये थे।

पं. सुन्दरलाल शर्मा द्वारा स्थापित हरिजन छात्रावास के लिये उन्होंने सहयोग दिया था। रायपुर के कांग्रेस भवन निर्माण के लिये जमीन एवं 20 हजार रूपये दान दिया था। डागा जी का देहावासन 10 जून 1952 को हो गया।

References:

  1. रायपुर नगर पालिक निगम रिपोर्ट, सन् 1971-72
  2. रायपुर जिला गजेटियर।
  3. राष्ट्रीय विद्यालय रायपुर द्वारा अमृत महोत्सव स्मारिका।
  4. मध्यप्रदेष के स्वतंत्रता संग्राम सैनिक खण्ड-3, भाषा संचालनालय, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेष, भोपाल, 1984

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