क्रांतिकारी शहीद गोरकनाथ सिंह का जन्म बिहार राज्य के भोजपुर जनपद, थाना-कोइलवर, अंतर्गत डुमरिया गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम स्वर्गीय हित नारायण सिंह, माता स्वर्गीय देवमूर्ति देवी था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना एवं पटना कार्लिजिएट स्कूल में हुई थी। प्रवेशिका परीक्षा में सफल होकर पटना कॉलेज में इनका नामांकन हुआ था। हाइस्कूल में पढ़ने के काल से स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेना आरंभ कर दिया था। कॉलेज के शिक्षा काल में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण पटना जेल, आरा जेल, फुलवारीशरीफ (पटना) के कैम्प जेल में बंदी बनाकर रखा गया था।
कालांतर में गोरकनाथ हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के एक सक्रिय क्रांन्तिकारी सदस्य बन गए। क्रांतिकारी सदस्य के रूप में गुप्त शस्त्र के साथ कई अभियानों में इनकी भागीदारी थी। भारत छोड़ो आंदोलन के समय इनको फुलवारीशरीफ कैम्प जेल में डाल दिया गया। सक्रिय क्रांतिकारी इनके नेतृत्व में जेल फांदकर भाग निकले। ब्रिटेश सरकार ने इनको शीघ्रता से पकड़कर भागलपुर सेंट्रल जेल के सेल में बंद कर दिया। जेल में डालने के पहले ने इनको शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, इस कारण टी.बी. का रोग हो गया। जेल में इनकी मृत्यु न हो इस कारण विदेशी सरकार ने इनको छोड़ दिया था। सन 1944 में पटना में इनकी मात्र 23-24 वर्ष में इनकी मृत्यु हो गई। उस समय गोरकनाथ बीएससी (B.SC) भूगोल विषय में पटना कॉलेज के छात्र थे।
मान्यवर अमर क्रांतिकारी शहीद गोरखनाथ सिंह के बलिदान को देश नमन करता है।
Source: कृष्ण कुमार सिंह, क्रांतिकारी शहीद गोरकनाथ सिंह के लघु भ्राता स्व. रामनाथ सिंह के पुत्र।